बिल्लेसुर बकरिहा–(भाग 19)

बिल्लेसुर की श्रद्धालु आँखों का प्रभाव सत्तीदीन की स्त्री पर पड़ा।


 जगन्नाथ-दर्शन बिल्लेसुर के मुकाबिले उनका फीका रहा सोचकर जमादार से बोलीं, 'जमादार, मैं कहती हूँ, मंत्र मैं भी क्यों न ले लूँ।'

 जमादार ने कहा, 'अच्छा, पण्डा जी आवें, तो पूछ लें।' ईश्वर की इच्छा से पण्डा जी कुछ ही देर में आ गये। 

सत्तीदीन ने पूछा। 

पण्डा जी ने सत्तीदीन की स्त्री को देखा और कहा 'अभी तुम रख नहीं सकेगा। अभी तो तुमको मासिक धर्म होता है।'

सत्तीदीन की स्त्री कटी निगाह देखती रही।

 पण्डा जी ने सत्तीदीन को सलाह दी कि चौथेपन में गुरुमन्त्र लेना लाभदायक होता है।

 जब तक स्त्री को मासिक धर्म होता है तब तक वह मंत्र की रक्षा नहीं कर सकती, अशुद्ध रहती है और तरह तरह से पैर फिसलने की सम्भावना है। सत्तीदीन मान गये।

वहाँ से भुवनेश्वर गये, फिर बर्दवान वापस आये।

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